माफ़ी
आज तू ख़ुदको माफ़ करदेना, ख़ुदसे ख़ुदको इंसाफ करदेना, सारा वक़्त ग़ाफ़िल रहा मगर, आज तू ख़ुदको माफ़ करदेना।
तू झूठा रहा, तू ख़ातिक़, आजतक बस ग़ीआ करता रहा, ख़ुदसे आज ये पैग़ाम करदेना, आज तू ख़ुदको माफ़ करदेना।
क़त्ल किए हैं तूने कही, शमा जो ये तबाह करता रहा, वो ख़ुदासे तू इत्तिला करदेना, आज तू ख़ुदको माफ़ करदेना।
वाक़िफ जो तू ख़ुदके गुनाहों से, तू ख़ून-ए-ग़म का जो ख़बराना था, सारे जहां को दर्द से रिहा करदेना, आज तू ख़ुदको माफ़ करदेना।
By: kendru