pyaar-vyaar
देखो देखो, अब तो प्यार भी बाजारों में बिकता हैं, इश्क़ छुपता हैं बस नफ़रत दिखता हैं, की अब तो प्यार भी बाजारों में बिकता हैं, इश्क़ छुपता हैं और बस नफ़रत दिखता हैं, दिखता हैं अब कुछ अमृत जैसा, की दिखता हैं अब कुछ अमृत जैसा, पर छूकर देखो तो ज़हर छलकता हैं।
हैं तो मोहब्बत बस दिखाने को, वादें कितने, ना एक निभाने को, जो दो एक ना हो कोई भी, मिलते तो दो, बस ख़ुदको गवानेको।
By: kendru