wholeness
(मुकम्मल)
तु बहती धारा, मैं किनारों सा, छू जाए मुझे, न ठहरे कभी बहारों सा,
तेरे इश्क़ की कहानियों में, छुट जाए जो, मैं उन किरदारों सा,
मेरे इश्क़ में इबादत तेरी, रहमत-ए-आरज़ू में नाकाम इंतेज़ारो सा,
मुकम्मल सी रूह तेरी, मैं मोहब्बत से इंकारो सा,
अब ना गिला, ना शिकवा कोई, हमारे अफसानों का ज़िक्र रहे असरारों सा।
By: kendru